Nirangal Moondru Movie Review : निरंगल मूंद्रु कार्तिक नरेन की डायरेक्शन में बनी एक तमिल थ्रिलर है। इसमें अथर्वा, सरथ कुमार और रहमान ने लीड रोल किए हैं। मूवी को लेकर फैंस में काफी एक्साइटमेंट था क्योंकि कार्तिक नरेन पहले ध्रुवंगल 16 जैसी सुपरहिट फिल्म दे चुके हैं। लेकिन क्या यह फिल्म उनकी पिछली सक्सेस को रिपीट कर पाई? चलिए डिटेल में जानते हैं।
स्टोरीलाइन
मूवी की स्टोरी तीन अलग-अलग कैरेक्टर्स के इर्द-गिर्द घूमती है:
- रहमान एक परेशान पिता का रोल करते हैं, जो अपनी गुमशुदा बेटी को ढूंढ रहे हैं। उनकी इमोशनल जर्नी कहानी का अहम हिस्सा है।
- अथर्वा एक एस्पायरिंग डायरेक्टर के रोल में हैं, जो अपनी स्क्रिप्ट को लेकर स्ट्रगल कर रहे हैं।
- सरथ कुमार एक करप्ट कॉप के रोल में हैं, जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
ये तीनों कैरेक्टर्स, जो अलग-अलग जिंदगी जी रहे हैं, एक समय पर एक-दूसरे से टकराते हैं। मूवी की स्टोरी इस क्लाइमेक्स पर बेस्ड है कि इनके मिलने के बाद क्या होता है।
मूवी के प्लस पॉइंट्स
1. सरथ कुमार का परफॉर्मेंस
सरथ कुमार ने करप्ट कॉप का रोल बेहतरीन तरीके से निभाया है। उनका कैरेक्टर बहुत स्ट्रॉन्ग और इंटरेस्टिंग लिखा गया है। यह उनकी “सेकंड इनिंग्स” का एक और शानदार प्रूफ है।
2. इंटर्वल ब्लॉक
इंटर्वल ब्लॉक फिल्म का हाईलाइट है। यह सीन ऑडियंस को सस्पेंस में डाल देता है और सेकंड हाफ के लिए एक्साइटमेंट क्रिएट करता है।
3. सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग
डिजो टॉमी की सिनेमेटोग्राफी फिल्म के विजुअल्स को खूबसूरत बनाती है। सीन अच्छे से शूट किए गए हैं। श्रीजीत सारंग का एडिटिंग काम सेकंड हाफ में टाइटनेस लाता है।
4. यूनीक एक्शन सीक्वेंस
एक एक्शन सीक्वेंस को रिवर्स में फिल्माया गया है, जो बहुत इनोवेटिव लगता है। इसे देखकर कमल हासन की फिल्मों की क्रिएटिविटी याद आती है।
मूवी के माइनस पॉइंट्स
1. इमोशनल कनेक्ट की कमी
फिल्म इमोशनल कनेक्शन बनाने में फेल हो जाती है। रहमान और उनकी बेटी के बीच की बॉन्डिंग क्लियर नहीं है। इससे उनके इमोशनल सीन उतना इम्पैक्ट नहीं डाल पाते।
2. फर्स्ट हाफ स्लो है
पहला हाफ बहुत स्लो है। ज्यादा टाइम सेटअप पर खर्च होता है। अथर्वा का स्क्रिप्ट ढूंढने वाला ट्रैक थोड़ा बोरिंग लगता है।
3. साइड कैरेक्टर्स की कमजोर राइटिंग
अम्मू अबिरामी और दुश्यंत जैसे साइड कैरेक्टर्स को ठीक से डेवलप नहीं किया गया है। उनके सीन दर्शकों को इंप्रेस नहीं कर पाते।
4. लो बजट का असर
फिल्म का लो बजट कई जगह दिखता है। जैसे, अवार्ड सेरेमनी सीन काफी अजीब लगता है। मिनिमल प्रॉप्स और स्टेज डिजाइन इसे कम इम्प्रेसिव बनाते हैं।
परफॉर्मेंस एनालिसिस
1. अथर्वा
अथर्वा का परफॉर्मेंस ठीक है, लेकिन उनके कैरेक्टर में ज्यादा गहराई नहीं है। उनके हैलूसिनेशन वाले सीन जरूरत से ज्यादा खिंचे हुए लगते हैं।
2. रहमान
रहमान ने अच्छा काम किया है, लेकिन उनके कैरेक्टर की मोटिवेशन कंफ्यूजिंग लगती है। उनके इमोशनल सीन ज्यादा असर नहीं छोड़ते।
3. सरथ कुमार
सरथ कुमार का परफॉर्मेंस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। उनका कैरेक्टर इंटरेस्टिंग और पावरफुल है।
4. सपोर्टिंग कास्ट
अम्मू अबिरामी और दुश्यंत का परफॉर्मेंस एवरेज है। उनके कैरेक्टर्स अच्छे से नहीं लिखे गए हैं।
टेक्निकल एनालिसिस
1. स्क्रीनप्ले
कार्तिक नरेन ने नॉन-लीनियर स्टोरीटेलिंग ट्राई की है, लेकिन यह पूरी तरह से काम नहीं करती। फाइनल एक्ट में चीजें क्लियर होती हैं, लेकिन फर्स्ट हाफ में फोकस की कमी है।
2. डायलॉग्स
कुछ डायलॉग्स बहुत स्ट्रॉन्ग हैं। खासकर ट्रस्ट और धोखे को लेकर की गई बातें।
3. म्यूजिक और साउंड डिजाइन
बैकग्राउंड स्कोर मूड को सूट करता है। लेकिन गाने स्टोरी के फ्लो को डिस्टर्ब करते हैं।
हाइलाइट्स
- इंटर्वल ब्लॉक: फिल्म का सबसे स्ट्रॉन्ग पार्ट।
- रिवर्स एक्शन सीक्वेंस: इनोवेटिव और इम्प्रेसिव।
- सरथ कुमार का परफॉर्मेंस: सबसे यादगार।
- क्लाइमेक्स ट्विस्ट: सेकंड हाफ के ट्विस्ट संतोषजनक हैं।
ड्रॉबैक्स
- इमोशनल डेप्थ की कमी: कैरेक्टर्स और ऑडियंस का कनेक्ट मिसिंग है।
- स्लो पेसिंग: पहला हाफ ज्यादा लंबा लगता है।
- लो बजट का इफेक्ट: कई सीन में प्रोडक्शन वैल्यू लो लगती है।
- अननेसेसरी सबप्लॉट्स: कुछ ट्विस्ट्स फोर्स्ड लगते हैं।
फाइनल वर्डिक्ट
निरंगल मूंद्रु एक एवरेज थ्रिलर है। इसका प्रॉमिसिंग प्लॉट है, लेकिन एक्सीक्यूशन कमजोर है। सरथ कुमार का परफॉर्मेंस और इंटर्वल ब्लॉक जैसे पॉजिटिव्स के बावजूद फिल्म इमोशनल कनेक्शन और टाइट स्टोरीटेलिंग में चूक जाती है।
यह फिल्म एक बार देखने लायक है, खासकर उन लोगों के लिए जो एक्सपेरिमेंटल स्टोरीज़ पसंद करते हैं। लेकिन यह कार्तिक नरेन की पुरानी फिल्मों जैसा जादू क्रिएट नहीं कर पाती।
रेटिंग
2.5/5
निरंगल मूंद्रु एक एवरेज फिल्म है, जो बेहतर राइटिंग और टाइट एडिटिंग से ज्यादा इम्पैक्टफुल हो सकती थी।
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