Vaibhav Suryavanshi Age, Biography, Family – 14 साल की उम्र में रचा इतिहास : क्रिकेट की दुनिया में बहुत से खिलाड़ी आते हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपने पहले ही मैच में पूरे देश का दिल जीत लेते हैं। वैभव सूर्यवंशी ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। महज 14 साल की उम्र में जब उन्होंने IPL डेब्यू किया, तब स्टेडियम के हर कोने से सिर्फ एक ही नाम सुनाई दे रहा था – “वैभव… वैभव…!”
Vaibhav Suryavanshi Age,Biography
📝 Quick Information Table
Detail | Information |
---|---|
नाम (Name) | वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 27 मार्च 2011 |
जन्म स्थान (Birth Place) | ताजपुर, समस्तीपुर, बिहार |
उम्र (Age) | 14 साल (2025 में) |
पिता का नाम (Father’s Name) | संजीव सूर्यवंशी |
पेशा (Father’s Profession) | किसान, पूर्व राज्य स्तरीय क्रिकेटर, पत्रकार |
भाई (Brother) | छोटा भाई (नाम ज्ञात नहीं) |
क्रिकेट डेब्यू | IPL 2025 (राजस्थान रॉयल्स) |
फ्रेंचाइजी (Team) | Rajasthan Royals |
खरीदे जाने की राशि | ₹1.1 करोड़ |
रोल (Role) | बल्लेबाज़ (Batsman) |
कोच (Coach) | मनीष ओझा |
पहली IPL पारी | 20 गेंद में 34 रन |
हाइट (Height) | लगभग 5 फीट 3 इंच |
स्पेशल स्किल | लंबा हिट लगाना, बेखौफ बल्लेबाज़ी |
🔥 Introduction – 14 साल की उम्र में IPL डेब्यू
पहली बॉल पर शार्दुल ठाकुर की गेंद पर 80 मीटर लंबा कवर ड्राइव और फिर आवेश खान की बॉल पर स्टेट ड्राइव… ऐसा लग रहा था कि कोई मंझा हुआ खिलाड़ी बैटिंग कर रहा है। लेकिन जब लोगों को पता चला कि ये लड़का सिर्फ 14 साल का है, तो हर कोई हैरान रह गया।
👶 Early Life – बचपन से ही क्रिकेट से प्यार
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में हुआ था। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे वैभव के लिए क्रिकेट कोई शौक नहीं बल्कि सपना था।
जब बाकी बच्चे 4 साल की उम्र में खाना खाना सीखते हैं, उस उम्र में वैभव ने बैट पकड़ लिया था। उनके पिता संजीव सूर्यवंशी खुद एक राज्य स्तर के क्रिकेटर रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने अपने बेटे के अंदर बचपन से ही क्रिकेट का सपना देखा।
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🏡 Family Support – पिता ने बेची ज़मीन
वैभव के पिता किसान हैं। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। रोज़ की कमाई से ही घर चलता था। लेकिन बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।
घर के पास एक खाली जगह पर खुद नेट लगाया, और वैभव को 4 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस करवाने लगे। रोज़ 2-3 घंटे प्रैक्टिस होती थी। वैभव के छोटे भाई भी इसमें साथ देते थे।
जब ट्रेनिंग का खर्चा बढ़ा, तब संजीव जी ने गांव की ज़मीन तक बेच दी। उन्होंने कहा था – “अब ये मेरा बेटा नहीं, पूरे बिहार का बेटा है।”
🏏 Cricket Career की शुरुआत
District Trials और Ranji Debut
- 8 साल की उम्र में वैभव ने अंडर-16 डिस्ट्रिक्ट ट्रायल्स में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन किया।
- 12 साल 284 दिन की उम्र में उन्होंने मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया।
- वो भारत के सबसे कम उम्र के रणजी प्लेयरों में से एक बन गए।
IPL Entry
- 13 साल की उम्र में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ में खरीद लिया।
- राहुल द्रविड़ ने उनके टैलेंट को पहचान कर ये रिस्क लिया – और वो कामयाब हुआ।
🎯 First IPL Match Highlights
- पहली बॉल पर धमाका: शार्दुल ठाकुर की गेंद को कवर के ऊपर से 80 मीटर दूर पहुंचा दिया।
- आवेश खान को स्टेट ड्राइव: 80 मीटर का शॉट देखकर सब दंग रह गए।
- 20 बॉल 34 रन: छोटी पारी लेकिन असरदार।
- Emotionally Out: आउट होने के बाद वैभव की आंखों में आंसू थे – लेकिन खुशी के।
- Coach’s Reaction: राहुल द्रविड़ व्हीलचेयर पर बैठे थे, लेकिन खुशी से हंसते हुए दिखे।
🧬 Bone Testing Controversy
जब वैभव का नाम IPL में आया, तो कुछ लोगों ने उनकी उम्र पर सवाल उठाए। कईयों को लगा कि वो 14 साल से ज्यादा के हैं।
बोन टेस्टिंग (Bone Test)
- BCCI के नियमों के अनुसार, अगर उम्र पर शक हो तो बोन टेस्टिंग की जाती है।
- इसे मेडिकल भाषा में ऑसिफिकेशन टेस्ट (Ossification Test) कहा जाता है।
- इसमें हड्डियों, दांतों और शरीर की बनावट से अनुमानित उम्र निकाली जाती है।
- ये 100% सटीक नहीं होती, 6 महीने का फर्क आ सकता है।
वैभव की स्थिति
- 9 साल की उम्र में वैभव का बोन टेस्ट हुआ था।
- टेस्ट में उनकी उम्र 14 महीने ज्यादा बताई गई थी।
- लेकिन मनीष ओझा (कोच) ने कहा – “बोन टेस्ट ही असली स्टैंडर्ड है। सर्टिफिकेट से ज्यादा भरोसा उस पर होता है।”
🎓 Education और Personal Life
- क्रिकेट के साथ-साथ वैभव पढ़ाई में भी अच्छे हैं।
- उनके स्कूल और टीचर्स को उन पर गर्व है।
- अभी उनकी पढ़ाई होम ट्यूटर के ज़रिए हो रही है क्योंकि क्रिकेट के कारण रेगुलर स्कूल जाना मुश्किल है।
🎤 Interviews और Viral Moments
- उनका एक इंटरव्यू वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि “मेरे लिए क्रिकेट पूजा है, और पापा भगवान।”
- जब उनसे पूछा गया कि उनका फेवरेट क्रिकेटर कौन है, तो उन्होंने एमएस धोनी और विराट कोहली का नाम लिया।
👨👩👦 Family Background – पिता की कहानी
- पिता संजीव सूर्यवंशी क्रिकेटर तो बने, लेकिन राज्य स्तर से आगे नहीं बढ़ पाए।
- उन्होंने पत्रकारिता भी की, और फिर छोटा-मोटा बिजनेस भी।
- लेकिन सबसे बड़ा सपना था – बेटा इंटरनेशनल क्रिकेट खेले।
- उन्होंने वैभव के लिए अपनी ज़िंदगी की सारी जमा-पूंजी लगा दी।
🏆 Future Goals
- वैभव का सपना है कि वो एक दिन इंडिया के लिए खेले।
- वो वर्ल्ड कप जीतना चाहते हैं।
- साथ ही वो अपने छोटे भाई को भी क्रिकेटर बनाना चाहते हैं।
💬 Conclusion – सपना देखो, मेहनत करो, जीत पक्की है
वैभव सूर्यवंशी की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, एक पिता-बेटे के रिश्ते की भी कहानी है। जहां एक पिता ने अपना सबकुछ बेटा बनाने में झोंक दिया और बेटा भी उस भरोसे पर खरा उतरा।
आज वैभव सिर्फ बिहार का नहीं, पूरे देश का बेटा बन चुका है।
अगर आपने ये आर्टिकल यहां तक पढ़ा है, तो कमेंट में “जय वैभव” ज़रूर लिखिए और शेयर करिए ताकि ये कहानी हर इंस्पायर करने वाले पापा और बेटे तक पहुंचे।
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