Who is Vaibhav Suryavanshi
Who is Vaibhav Suryavanshi

Who is Vaibhav Suryavanshi : 13 साल का लड़का बिहार से, ₹1.10 करोड़ में राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा बना!

Who is Vaibhav Suryavanshi : वैभव सूर्यवंशी बिहार से आने वाले एक यंग क्रिकेटर हैं। उनका नाम हाल ही में क्रिकेट जगत में काफी सुना जा रहा है। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने इतिहास बना दिया। वह IPL Auction में सबसे यंग प्लेयर के तौर पर शामिल हुए। इस साल की नीलामी में Rajasthan Royals और Delhi Capitals के बीच उनके लिए जबरदस्त बिडिंग हुई। आखिरकार राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया।

आइए जानते हैं इस टैलेंटेड प्लेयर के बारे में डिटेल्स।

Who is Vaibhav Suryavanshi
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IPL Auction:

IPL 2024 Auction ने हर किसी को चौंका दिया। बड़े खिलाड़ियों की बोली के बीच वैभव सूर्यवंशी का नाम सुर्खियों में रहा। सिर्फ 13 साल के इस लड़के को राजस्थान रॉयल्स ने ₹1.10 करोड़ में खरीदा। वैभव समस्तीपुर, बिहार से हैं और अब तक के सबसे यंगेस्ट प्लेयर बन गए हैं, जिनकी आईपीएल में खरीदारी हुई है।

आइए जानते हैं इस टैलेंटेड क्रिकेटर की कहानी।


शुरुआत एक छोटे से गांव से

वैभव का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गांव में हुआ। वह एक किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, खेती करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। लेकिन उनके पिता ने हमेशा वैभव का क्रिकेट खेलने का सपोर्ट किया।

चार साल की उम्र में ही वैभव ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। घर के पीछे बने छोटे से मैदान में वह घंटों प्रैक्टिस करते थे। उनके पिता ने लकड़ी का बैट बनाकर दिया, जिससे वैभव ने अपने बैटिंग स्किल्स को निखारा।


पहला कदम क्रिकेट की ओर

जब वैभव नौ साल के हुए, तो उनके पिता ने उन्हें समस्तीपुर की एक क्रिकेट अकादमी में एडमिशन दिलाया। शुरुआत में उन्हें स्टैंडबाय प्लेयर रखा गया। लेकिन उनकी मेहनत और टैलेंट की वजह से जल्दी ही उन्हें टीम में खेलने का मौका मिला।

वैभव ने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच मैचों में 400 रन बनाए। इसके बाद उनका नाम बिहार क्रिकेट में चर्चा का विषय बन गया। इस परफॉर्मेंस ने उन्हें अंडर-19 टीम में जगह दिलाई।


First-Class Cricket में डेब्यू

सिर्फ 12 साल की उम्र में वैभव ने बिहार के लिए First-Class Cricket में डेब्यू किया। वह भारत के सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में से एक बन गए, जिन्होंने First-Class मैच खेला।

इतना ही नहीं, वैभव की बैटिंग स्टाइल और क्विक रन बनाने की क्षमता ने सेलेक्टर्स को काफी इम्प्रेस किया।


रिकॉर्ड तोड़ परफॉर्मेंस

सितंबर 2024 में, वैभव ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर-19 Youth Test में धमाकेदार परफॉर्मेंस दी। उन्होंने सिर्फ 58 बॉल्स में शतक बनाया। वह भारत के सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बन गए, जिन्होंने Youth Test में सेंचुरी लगाई।

इस पारी में वैभव ने 14 चौके लगाए और कुल 104 रन बनाए। इस परफॉर्मेंस ने उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर पहचान दिलाई।


IPL Auction में इतिहास रच दिया

23 नवंबर 2024 को वैभव ने एक और बड़ा रिकॉर्ड बनाया। वह सबसे कम उम्र में ऑफिशियल T20 खेलने वाले प्लेयर बने। दो दिन बाद, आईपीएल ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें ₹1.10 करोड़ में खरीदकर हर किसी को हैरान कर दिया।

राजस्थान रॉयल्स को यंग प्लेयर्स को ग्रूम करने के लिए जाना जाता है। संजू सैमसन, यशस्वी जायसवाल और रियान पराग जैसे प्लेयर्स इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। राहुल द्रविड़ जैसे मेंटर के साथ वैभव का भविष्य काफी ब्राइट दिख रहा है।


उनकी उम्र पर विवाद

वैभव की टैलेंटेड जर्नी में थोड़ी कंट्रोवर्सी भी रही। कुछ लोगों ने उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाए। 2023 में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि वैभव की उम्र ऑफिशियल से थोड़ी ज्यादा हो सकती है। हालांकि, उनके परिवार और फैंस ने इन आरोपों को नकार दिया।


क्रिकेट का जुनून और परिवार का सपोर्ट

वैभव के पिता ने बचपन से ही उनके क्रिकेट के सपने को सपोर्ट किया। 9 साल की उम्र में अकादमी जॉइन कराने से लेकर उनके हर टूर में मदद करने तक, संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे के सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

वैभव के घर के पास एक छोटा सा मैदान है। यहीं से उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। उनके कोच भी उनकी मेहनत और डेडिकेशन की तारीफ करते नहीं थकते।


Future Expectations

13 साल की उम्र में ₹1.10 करोड़ की डील हासिल करना किसी भी प्लेयर के लिए बड़ा अचीवमेंट है। लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है। आईपीएल जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर वैभव को अपनी स्किल्स को और बेहतर दिखाने का मौका मिलेगा।

राजस्थान रॉयल्स के साथ, वह बड़े खिलाड़ियों से सीख सकते हैं और अपने गेम को और शार्प कर सकते हैं। फैंस को उम्मीद है कि वह आने वाले सालों में बिहार और भारत का नाम रोशन करेंगे।


वैभव की अचीवमेंट्स एक नजर में

  • जन्म: 27 मार्च 2011, ताजपुर, बिहार
  • First-Class डेब्यू: 12 साल की उम्र में
  • Youth Test में रिकॉर्ड: 58 बॉल्स में शतक
  • आईपीएल ऑक्शन 2024: ₹1.10 करोड़ में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा
  • वीनू मांकड़ ट्रॉफी: 5 मैचों में 400+ रन

शुरुआती जिंदगी और बैकग्राउंड

वैभव बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। क्रिकेट की दुनिया में उनका नाम तेजी से फैल रहा है। वह उन इलाकों से आते हैं जहां क्रिकेट के लिए बहुत कम इंफ्रास्ट्रक्चर है। समस्तीपुर, मधुबनी और पटना जैसे एरियाज में खेलकर उन्होंने अपना नाम बनाया।

वह बचपन से ही क्रिकेट के लिए पैशनेट थे। गांव के लोकल मैचों में उनका प्रदर्शन शानदार रहता था। धीरे-धीरे उनकी स्किल्स ने सबका ध्यान खींचा।


खेल की स्टाइल और स्किल्स

वैभव Left-Handed Batter और Left-Arm Orthodox Spinner हैं। यह एक रेयर कॉम्बिनेशन है जो किसी भी टीम के लिए बड़ा एडवांटेज हो सकता है।

बैटिंग

उनकी बैटिंग एग्रेसिव है। वह बड़े शॉट्स खेलने में माहिर हैं। जब भी टीम प्रेशर में होती है, वह मैच को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं।

बॉलिंग

उनकी स्पिन बॉलिंग में फ्लाइट और एक्यूरेसी होती है। यह उन्हें एक कम्पलीट प्लेयर बनाती है।


कम उम्र में बड़ी उपलब्धियां

वैभव ने बहुत कम उम्र में शानदार अचीवमेंट्स हासिल किए हैं।

  • यूथ टेस्ट में सेंचुरी: उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक यूथ टेस्ट में सेंचुरी बनाई। उनकी स्ट्राइक रेट 100 से ज्यादा थी।
  • यूथ एशिया कप सिलेक्शन: उन्हें यूथ एशिया कप के लिए सेलेक्ट किया गया, जो बड़ी अचीवमेंट है।

उनकी यह परफॉर्मेंस बताती है कि वह बड़े प्लेटफॉर्म्स पर भी परफॉर्म कर सकते हैं।


IPL तक का सफर

वैभव का IPL तक पहुंचना काफी इंटरेस्टिंग है। जैसे ही उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया, वह चर्चा में आ गए। IPL Scouts ने उनकी स्किल्स को नोटिस किया। उनके नाम पर बिडिंग वॉर ने यह साबित कर दिया कि टीमें उनकी पोटेंशियल को लेकर सीरियस हैं।

अब वह राजस्थान रॉयल्स के साथ जुड़ गए हैं। यहां उन्हें इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर्स के साथ ट्रेनिंग का मौका मिलेगा।


बिहार से आने वाले पहले IPL प्लेयर

बिहार से बहुत कम क्रिकेटर्स ने बड़ा नाम कमाया है। ईशान किशन और कुमार कुशाग्र जैसे नाम झारखंड से जुड़े हैं। लेकिन वैभव ने First-Class Cricket में बिहार का नाम रोशन किया है।

वह IPL में खेलने वाले बिहार के पहले प्रॉपर क्रिकेटर बन गए हैं। उनका यह सफर बिहार के क्रिकेट फैंस के लिए एक गर्व की बात है।


बिहार के क्रिकेटर्स की मुश्किलें

बिहार में क्रिकेट का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत कमजोर है। यहां अच्छी एकेडमीज़ और स्टेडियम्स की कमी है। यही वजह है कि टैलेंटेड प्लेयर्स को नोटिस किया जाना मुश्किल होता है।

वैभव की स्टोरी दिखाती है कि अगर पैशन और हार्ड वर्क हो, तो कोई भी अपनी पहचान बना सकता है।


राजस्थान रॉयल्स के लिए मौका

राजस्थान रॉयल्स में वैभव को बड़ा प्लेटफॉर्म मिलेगा। वह Sanju Samson, Jos Buttler और Trent Boult जैसे प्लेयर्स के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करेंगे। उन्हें राहुल द्रविड़ जैसे एक्सपर्ट्स से सीखने का मौका मिलेगा।

मैच प्रैक्टिस की इंपॉर्टेंस

नेट्स पर ट्रेनिंग इम्पोर्टेंट है, लेकिन गेम टाइम का रिप्लेसमेंट नहीं है। टीम जब टॉप 2 या टॉप 3 में क्वालिफाई कर जाती है, तो बेंच प्लेयर्स को चांस दिया जाता है।

वैभव को भी इस सीजन ऐसे मौकों का इंतजार होगा। अगर वह अच्छा परफॉर्म करते हैं, तो उनका करियर अगले लेवल पर जा सकता है।


आने वाले सालों में क्या उम्मीदें हैं?

वैभव के पास आगे बढ़ने के कई मौके हैं। अगले 2-3 साल में वह IPL में एक्सपीरियंस गेन कर सकते हैं। यह उन्हें इंडिया की Under-19 Team में सेलेक्शन के लिए तैयार करेगा।

उनकी बैटिंग और बॉलिंग दोनों में ग्रोथ की बहुत संभावना है। राजस्थान रॉयल्स में ट्रेनिंग से उनकी स्किल्स और माइंडसेट दोनों डेवलप होंगे।


यंग प्लेयर्स के लिए IPL का इंपैक्ट

IPL हमेशा से यंग टैलेंट को प्रमोट करने का प्लेटफॉर्म रहा है। ऋषभ पंत, शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ जैसे प्लेयर्स ने इसी से शुरुआत की।

वैभव का नाम भी अब इन्हीं उभरते सितारों में गिना जा सकता है।


फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स की उम्मीदें

वैभव से उम्मीदें बहुत हैं। उनका टैलेंट और अटैकिंग माइंडसेट उन्हें एक मैच-विनर बना सकता है। लेकिन सफलता के लिए कड़ी मेहनत, डिसिप्लिन और प्रेशर को संभालना जरूरी है।

IPL उनके लिए एक बड़ा टेस्ट होगा। उन्हें अपनी पोटेंशियल को प्रूव करना होगा।


निष्कर्ष

वैभव सूर्यवंशी की कहानी हर छोटे शहर और गांव के बच्चों के लिए इंस्पिरेशन है। एक किसान परिवार से आकर 13 साल की उम्र में करोड़पति बनना एक सपने जैसा है।अब देखना यह है कि वैभव आईपीएल में कैसा परफॉर्म करते हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर टैलेंट और मेहनत हो, तो किसी भी सपने को सच किया जा सकता है।

बिहार के इस लाल को देशभर से शुभकामनाएं!

वैभव सूर्यवंशी की कहानी यंग टैलेंट की जीत की कहानी है। 13 साल की उम्र में उन्होंने जो अचीव किया, वह इंस्पायरिंग है।उनका IPL में जाना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह उनकी जर्नी की सिर्फ शुरुआत है। अगर वह इसी तरह मेहनत करते रहे, तो वह ना सिर्फ IPL में बल्कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी बड़ा नाम बना सकते हैं।उनकी सक्सेस से बिहार के और भी यंग प्लेयर्स को इंस्पिरेशन मिलेगी। अब देखना होगा कि वैभव आने वाले सीजन्स में कैसा परफॉर्म करते हैं।